लाय सजीवन लखन जियाये। श्रीरघुबीर हरषि उर लाये।।’ —- राम गीत तु गाता आ.—- नहीं आये तो हनुमाना.—- श्री राम जी ओर सीता मैया कि दुहाई.—- शब्द साँचा.—- पिंड कांचा.—- फुरो मन्त्र ईश्वरोवाचा.—- भीम रुप धरि असुर संहारे। रामचन्द्र के काज संवारे॥ लील्यो ताहि मधुर फल जानू ॥१८॥ प्रभु मुद्रिका https://photo-se-vashikaran54207.azzablog.com/35762551/the-best-side-of-hanuman-chalisa